Irrfan Khanभारतीय सिनेमा के ऐसे कलाकार रहे हैं, जिनकी अदायगी और संवाद शैली आज भी लोगों के दिलों में बसी है। चाहे उनका किरदार छोटा हो या बड़ा, वे हर बार दर्शकों पर अपनी गहरी छाप छोड़ जाते थे। आज हम आपको इरफान खान से जुड़ी हैदर फिल्म के सेट की एक ऐसी घटना के बारे में बताएंगे, जिसने यूनिट के होश उड़ा दिए थे, लेकिन इरफान ने उस पल में भी कमाल का संयम दिखाया।

कश्मीर में पत्थरबाजी का सामना
साल 2014 में विशाल भारद्वाज के निर्देशन में बनी फिल्म हैदर की शूटिंग जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक रियल लोकेशन पर चल रही थी। भीड़ जमा हो चुकी थी और नारेबाज़ी का माहौल था। तभी अचानक एक युवक भागता हुआ इरफान खान की कार की तरफ आया और क्रिकेटर के अंदाज में जोर से कंधा घुमा कर पत्थर फेंका। पत्थर सीधे कार के शीशे पर लगा और शीशा चकनाचूर हो गया।
इस घटना से यूनिट और सिक्योरिटी स्टाफ दहशत में आ गए। सिक्योरिटी गार्ड ने तो गोली चलाने तक की तैयारी कर ली थी, लेकिन तभी इरफान खान ने समय रहते हस्तक्षेप किया और उन्हें रोक दिया।
इरफान खान की प्रतिक्रिया बनी मिसाल
इस तनावपूर्ण माहौल में भी इरफान खान बिलकुल शांत थे। उन्होंने मुस्कुराते हुए भीड़ की तरफ हाथ हिलाया। उनके इस अंदाज़ को देखकर भीड़ शांत हो गई और लोग उनका नाम पुकारने लगे। फैंस उनके साथ सेल्फी लेने की कोशिश में जुट गए।
विशाल भारद्वाज ने एक इंटरव्यू में इस घटना को याद करते हुए बताया कि इरफान ने हँसते हुए कहा था—
“विशाल साहब, क्या थ्रो मारा है साले ने… ऐसा ग्रेसफुल की जोंटी रोड्स याद आ गया!”
इस घटना के बाद अभिनेता को नई कार ऑफर की गई, लेकिन उन्होंने उसी टूटी कार और ड्राइवर के साथ जाना पसंद किया, क्योंकि उन्हें उनसे एक जुड़ाव महसूस होता था।
हैदर में इरफान खान ने ‘रूहदार’ नाम का किरदार निभाया था, जो भले ही स्क्रीन पर कम समय के लिए था, लेकिन उसका प्रभाव बहुत गहरा था।